Saturday, December 22, 2012

Meaning of मन्त्र

असतोमा सद्गमय। तमसोमा ज्योतिर् गमया।
मृत्योर्मामृतं गमय॥ ॐ शांति शांति शांति - बृहदारण्यक उपनिषद् 1.3.28.

"Aum Asato mā sad gamaya
Tamaso mā jyotir gamaya
Mṛtyormā amṛtam gamaya
Aum śānti śānti śāntiḥ "

meaning of which is -

"From ignorance, lead me to truth;
From darkness, lead me to light;
From death, lead me to immortality
Aum peace, peace, peace " 


जतु पहारा धीरजु सुनिआरु। अहरणि मति वेद हथिआरु ।।
भउ खला अगिन तपताउ। भांडा भाउ अमृत तितु ढालि ।।
घड़ीए सबदु सची टकसालु। जिन कउ नदरि करमु तिन कार।।
'नानक' नदरी नदरि निहाल।।

एक-एक शब्द समझने जैसा है: 'संयम भट्टी है, धीरज सुनार है, बुधि नहाई है, और ज्ञान हथौड़ा है। भय
ही घौंकनी है और तपस्या अग्नि है। भाव ही पात्र है, जिसमें अमृत ढलता है। सत्य के टकसाल में शब्द का
सिक्का गढ़ा जाता है। जिन पर उसकी कृपा-दृष्टि होती, वे ही यह कर पाते हैं । नानक कहते हैं , वे उस कृपा-
दृष्टि से निहाल हो उठते हैं ।'
ओशो ( एक ओंकार सतनाम )

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